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Murti Chor by S. Vijay Kumar

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न्यू यॉर्क नी सुभाष कपूर एंटीक वस्तुओं का डीलर था, जिसकी चोरी की गई मूर्तियां दुनिया के हर बड़े संग्रहालय में दिखती हैं। अक्टूबर 2011 में जब उसने अपना पासपोर्ट जर्मनी में इमिग्रेशन पर प्रस्तुत किया तो कपूर को अनौपचारिक ढंग से इंटरपोल की हिरासत में ले लिया गया। भारत ने हफ़्तों पहले उसकी गिरफ़्तारी के लिए रेड कॉर्नर नोटिस तब जारी किया था जब तमिलनाडु के दो मंदिरों में मूर्ति चुराने के उसके दुस्साहस का पता चला था। जब अमेरिकी अधिकारियों ने न्यू यॉर्क में कपूर के गोदामों पर छापे मारे तो उसकी अलमारियों ने ढेरों मूर्तियां उगलीं। उन्होंने कम से कम 100 मिलियन डॉलर मूल्य की चुराई गई भारतीय कलाकृतियां ज़ब्त कीं! यह कपूर के ख़ज़ाने की झलक मात्र थी – वह क़रीब चार दशकों से इस बिज़नेस में लिप्त था और उसके द्वारा की गई लूट का सही अंदाज़ा लगाना मुश्किल है। अमेरिका ने कपूर को दुनिया के सर्वाधिक लाभप्रद वस्तुओं के तस्करों में से एक घोषित किया है। यह कपूर के पकड़े जाने की हैरतअंगेज़ व सच्ची कहानी है। इस बारे में ऐसे व्यक्ति ने बताया है जो वर्षों से उसका पीछा कर रहा था और उसके हाथ से गुज़रने वाली मूर्तियों की खोज-बीन अब भी कर रहा है। इस पुस्तक में साठगांठ रखने वाले पुलिस अधिकारियों से लेकर भ्रष्ट संग्रहालय अधिकारियों, धोखा देने वाली गर्ल़फ्रेंड, दोहरे चरित्र वाले विद्वानों से लेकर संदिग्ध लुटेरों और स्मगलरों तक – सब कुछ है। 21वीं सदी के भारत के मंदिरों में सामान्य और शिष्ट दिखने वाले अपराधियों द्वारा की गई लूटमार से चौंकने के लिए तैयार हो जाइए।.

About the Author

एस. विजय कुमार सिंगापुर में रहने वाले फ़ाइनेंस और शिपिंग एक्सपर्ट हैं, और दक्षिण-पूर्वी एशिया में अग्रणी समुद्री परिवहन कंपनी के जनरल मैनेजर हैं। 2007-08 के आसपास उन्होंने भारतीय कला पर एक ब्लॉग शुरू किया था जिसका नाम poetryinstone.in था। विजय अपने इस ब्लॉग के कारण कलाप्रेमियों के समूह में शामिल हो गए और उनके साथ मिलकर कलाकृतियों की चोरी के मामलों का पता लगाने में जुट गए। 2010 के आसपास विजय मूर्ति चोरी और तस्करी के मामलों की जाँच में भारतीय और अमेरिकी, दोनों की क़ानूनी एजेंसियों के साथ जुड़ गए। यह पुस्तक उनके इन्हीं क़ानूनी एजेंसियों के साथ सहयोग पर आधारित है और इसके स्रोत अधिकतर वही दस्तावेज़ हैं जो उन्होंने देखे और इस सहयोग के दौरान जो लोगों ने उन्हें बताया है। विजय ने मूर्ति चोरों और तस्करों की गिरफ़्तारी में योगदान दिया है। संग्रहालयों के पास जो मूर्तियों के हिस्से थे, उनके चोरी की गर्इ मूर्तियों से मिलान करने में भी उनका सहयोग रहा है, और इस तरह से मूर्तियों को भारत लाने में उनका प्रमुख योगदन रहा है।.

Product details


Publisher : Manjul Publishing House
Language : Hindi
Paperback : 165pages
ISBN-10 : 9390085667
ISBN-13 : 9789390085668
Item Weight : 250g
Dimensions :  20 x 14 x 4 cm
Country of Origin : India

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